बिद्अत ( bid’at)

शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब की दीदा दिलेरी और पैग़म्बरे अकरम (स.अ.) की शान में गुस्ताखी़याँ

शेख़ नजदी मुख्त़लिफ़ तरीकों से पैग़म्बरे अकरम (स.अ.) की तनक़ीद किया करता था और उस का यह ख़्याल था कि…

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क्या है नमाज़े तरावीह की हक़ीक़त?

कोई भी अमल का़बिले क़ुबूल उसी वक़्त होता है जब उसको उसी तरह अमल में लाया जाए, जैसे अल्लाह और…

4 years ago