ह.फातेमा ज़हरा (स.अ.) (H. Fatemah Zahra s.a.)

मुन्तक़िमे खूने ज़हराः इमाम मेहदी (अ.स.)

'पस हमने जुर्म करने वालों से इंतेक़ाम लिया। मोमिनों का हम पर हक़ है के हम उनकी मदद करें।' (कु़रआन…

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इमामे जाफ़रे सादिक़ (अलैहिस्सलाम) के एक शागिर्द का इमामे अबू हनीफ़ा से मुनाज़ेरा

एक दिन इमाम जाफरे सादिक़ (अलैहिस्सलाम) का एक शागिर्द फज़्ज़ाल इब्ने हसन कूफ़ी और उसके एक दोस्त का अबू हनीफ़ा…

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दरबारे ख़िलाफ़त में हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) का शानदार मुकालिमा

हज़रते सरवरे कायनात ने हुक्मे ख़ुदा और क़ुरआन की आयत – 'फ़आते ज़ल क़ुरबा हक़्क़हू' पर अमल करते हुए बाग़े…

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क़ुरआन में अम्बिया की मीरास

इस में कोई अचम्भे की बात नहीं है कि बच्चों को उनके मरहूम माँ बाप की मीरास मिलती है। यह…

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फिदक की कहानी आएशा की ज़बानी

रसूल (स.अ.) की रेहलत के बाद जो वाकेआत रूनुमा हुए उनमें से अहम मुकद्दमए फिदक था। बल्कि यह वाकेआ हिदायत…

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बाग़े-फिदक कयों ग़स्ब किया गया?

रसूलल्लाह (स.अ.) ने सन 7 हिजरी में बाग़े-फिदक ब- हुक्मे खु़दा अपनी पारए-जिगर, फातिमा ज़हेरा (स.अ.) को हिबा किया और…

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आस़ारे फ़ातेमी: मुस्ह़फे फातेमा (स.अ.)

इन्न हाज़ा लफीस सोहुफिल ऊला, सोहुफे इब्राहीम व मूसा (सूरए आअला 18-19) यक़ीनन यह गुजिशता सहीफों में भी मरक़ूम है।…

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