अहले इस्लाम में जितना अहले तशय्यों के यहाँ बुर्ज़ुगाने दीन की ज़ियारत का रेवाज है , उतना किसी दुसरे मसलक…
माहे सफर के आग़ाज़ से ही बहोत से अज़ादारे सैय्यदुश शोहदा (अ.स.) रोज़े अरबईन की तैयारी में लग जाते हैं,…