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क्या कसरत हक़ पर होने की दलील है?

पढ़ने का समय: 4 मिनटबाज़ अहले तसन्नुन ओलमा की जानिब से वक़्तन फ़वक़्तन यह बात पेश की जाती रही है कि वह हक़ पर हैं, क्योंकि अक्सरियत उनके साथ है। अपनी बात को सही साबित करने के लिए वह […]

अहलेबैत (अ.स.)

इत्तेहाद बैनल मुसलेमीन क्योंकर मुम्किन है?

पढ़ने का समय: 5 मिनटमाहे रमज़ान के आख़री अशरे के आग़ाज़ में टीवी चैनलों पर मौला अली (अलैहिस्सलाम) की शहादत से मुतल्लिक़ प्रोग्राम नश्र किए जाते हैं। आम तौर पर उन प्रोग्रामों में इसलाम के मुख़्तलिफ़ मकातिबे फ़िक्र और […]

अहलेबैत (अ.स.)

जनाबे ख़दीजा (स.अ.) जिन्हें अल्लाह और जिब्रईल सलाम भेजते हैं।

पढ़ने का समय: 2 मिनटइसलाम की तालीमात में एक अहम रुक्न एक दूसरे को सलाम करना है। अहादीसे नबवी (स.अ.) में ‘इफशाउस सलाम’ की बदुत ज़्यादा ताकीद की गई है। क़ुरआने करीम में भी सलाम करने पर बहुत ज़ोर […]

अहलेबैत (अ.स.)

तारीख़ निगारी में ख़यानत (पहली क़िस्त)

पढ़ने का समय: 4 मिनटकुछ दिनों क़ब्ल एक मक़ाला नज़रों से गुज़रा कि इसके लिखने वाले ने अइम्माए मासूमीन (अ.स.) की बाज़ रिवायात व फ़रमाइशात को उन्वान बनाया और तारीख़ के बाज़ वाक़ेआत से कजफ़हमी की बुनियाद पर ग़लत […]

अहलेबैत (अ.स.)

विलायते अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) लाज़मी है।

पढ़ने का समय: 2 मिनटअल्लाह अज़्ज़वजल ने इन्सानों पर जिन चीज़ों को वाजिब किया है उनमें उसकी तौहीद का इक़रार है, उसके नबी (स.अ.) की नबुव्वत का इक़रार और हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) की विलायत का इक़रार […]

अहलेबैत (अ.स.)

बाग़े-फिदक कयों ग़स्ब किया गया?

पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूलल्लाह (स.अ.) ने सन 7 हिजरी में बाग़े-फिदक ब- हुक्मे खु़दा अपनी पारए-जिगर, फातिमा ज़हेरा (स.अ.) को हिबा किया और तब से यह बाग खातूने-महेशर की मिलकियत में रहा। जब रसूलल्लाह (स.अ.) की वफात हुई […]

अहलेबैत (अ.स.)

अहले-सुन्नत की किताबों में रसूलल्लाह की शहादत का बयान

पढ़ने का समय: 4 मिनटबहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]

अहलेबैत (अ.स.)

आस़ारे फ़ातेमी: मुस्ह़फे फातेमा (स.अ.)

पढ़ने का समय: 3 मिनटइन्न हाज़ा लफीस सोहुफिल ऊला, सोहुफे इब्राहीम व मूसा (सूरए आअला 18-19) यक़ीनन यह गुजिशता सहीफों में भी मरक़ूम है। इब्राहीम (अ.स.) और मूसा (अ.स.) के सह़ीफों में (मौजूद है)। खुदावन्दे आलम ने इन्सानो की […]