• तबर्रा

    क्या तबर्रा करना एक बेफ़ाएदा अ़मल है?

    पढ़ने का समय: 5 मिनटक्या तबर्रा करना एक बेफ़ाएदा अ़मल है? कहा जाता है: मुख़ालेफ़ीन से इस तरह़ की बह़्सों पर इतनी तवानाई ख़र्च की गई कि इस का कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि अह्लेबैत [...]
  • अहलबैत

    दुश्मने अ़ली (अ़.स.) से बराअत ज़रूरी है

    पढ़ने का समय: 3 मिनटदुश्मने अ़ली (अ़.स.) से बराअत ज़रूरी है इस्लाम में और ख़ुसूसन शीआ़ मकतबे फ़िक्र में, दुश्मनाने ख़ुदा और रसूल से बराअत करने को वाजिब क़रार दिया गया है। इस बाबत क़ुरआन [...]
  • अहलबैत

    क्या मअ़्‌सूमीन (अ़.स.) ने कभी भी लअ़्‌नत करने की तरग़ीब नहीं दी?

    पढ़ने का समय: 4 मिनटक्या मअ़्‌सूमीन (अ़.स.) ने कभी भी लअ़्‌नत करने की तरग़ीब नहीं दी? जब अह्लेबैत (अ़.स.) को अ़ज़ीयत देने वालों पर लअ़्‌नत भेजने की बात आती है तो कुछ अफ़राद इस पर [...]
  • तबर्रा

    बराअत एक अज़ीम इबादत

    पढ़ने का समय: 3 मिनटदीने इस्लाम के बुनियादी उसूलों में तवल्ला और तबर्रा दोनों शामिल हैं। बल्कि दुश्मनाने अहलेबैत अ.स. से तबर्रा किए बग़ैर किसी की विलायते अहलेबैत अ.स. क़ाबिले क़बूल नहीं है। बराअत अज़ [...]

Ayyame Fatimiya s.a.

  • ह.फातेमा ज़हरा (स.अ.)
    पढ़ने का समय: 4 मिनटबराअ़ते फ़ातेमी (स.अ़.) अज़ ख़ेलाफ़ते ग़ासेबी आ़लमे इस्लाम में जितने भी फ़िर्क़े हैं उनमें मक़तबे तशय्योअ़्‌ को बहुत से इम्तेयाज़ात ह़ासिल हैं। उनमें एक येह है कि वोह रसूले अकरम (स.अ़.व.आ.) [...]
  • ह.फातेमा ज़हरा (स.अ.)
    पढ़ने का समय: 2 मिनटफ़िदक की कहानी आ़एशा की ज़बानी रसूल (स.अ़.) की रेहलत के बअ़्द जो वाक़आ़त रूनुमा हुए उन में से अहम वाक़आ़ मुक़द्दमए फ़िदक था। बल्कि येह वाक़आ़ हेदायत ह़ासिल करने वालों [...]

Tabarra

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इमाम हुसैन (अ.स.) पर गिरया करने की फज़ीलत: इमाम रज़ा (अ.स.) की ज़बानी

by noorehaq in अहलेबैत (अ.स.) 0

पढ़ने का समय: 3 मिनटइमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमायाः अए फ़रज़न्दे शबीब! अगर तुम्हें किसी चीज़ पर रोना आए तो फ़रज़न्दे रसूल हुसैन इब्ने अली (अ.स.) पर गिरया करो। इमाम अली बिन मुसा रज़ा (अ.स.) [...]

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  • अहलेबैत (अ.स.)

    आस़ारे फ़ातेमी: मुस्ह़फे फातेमा (स.अ.)

    पढ़ने का समय: 3 मिनटइन्न हाज़ा लफीस सोहुफिल ऊला, सोहुफे इब्राहीम व मूसा (सूरए आअला 18-19) यक़ीनन यह गुजिशता सहीफों में भी मरक़ूम है। इब्राहीम (अ.स.) और मूसा (अ.स.) के सह़ीफों में (मौजूद है)। खुदावन्दे [...]
  • अहलेबैत (अ.स.)

    अहले-सुन्नत की किताबों में रसूलल्लाह की शहादत का बयान

    पढ़ने का समय: 4 मिनटबहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद [...]
  • अहलेबैत (अ.स.)

    बाग़े-फिदक कयों ग़स्ब किया गया?

    पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूलल्लाह (स.अ.) ने सन 7 हिजरी में बाग़े-फिदक ब- हुक्मे खु़दा अपनी पारए-जिगर, फातिमा ज़हेरा (स.अ.) को हिबा किया और तब से यह बाग खातूने-महेशर की मिलकियत में रहा। जब रसूलल्लाह [...]
  • अन्य लोग

    फिदक की कहानी आएशा की ज़बानी

    पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूल (स.अ.) की रेहलत के बाद जो वाकेआत रूनुमा हुए उनमें से अहम मुकद्दमए फिदक था। बल्कि यह वाकेआ हिदायत हासिल करने और उनके लिए एक मश्अले राह है। इस मुकद्दमे [...]
  • अहलेबैत (अ.स.)

    विलायते अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) लाज़मी है।

    पढ़ने का समय: 2 मिनटअल्लाह अज़्ज़वजल ने इन्सानों पर जिन चीज़ों को वाजिब किया है उनमें उसकी तौहीद का इक़रार है, उसके नबी (स.अ.) की नबुव्वत का इक़रार और हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) [...]
  • बहस-मुबाहिसा

    हिशाम इब्ने हकम का मुतकल्लेमीन से मुनाज़ेरा

    पढ़ने का समय: 3 मिनटएक मर्तबा हारून रशीद ने अपने एक मुशीर जाफ़र बिन यह्या बरमक्की से कही कि मैं चाहता हूँ कि छुपकर मुतकल्लेमीन (कलाम करनेवाले) की बात सुनूँ ताकि वह खुलकर अपने दलाएल [...]
  • अली (अ.स)

    मौलूदे काबा फक़्त अली इब्न अबी तालिब (अ.स.)

    पढ़ने का समय: 4 मिनटबिला शुबाह वो पहला मकान जो लोगों के लिये बनाया गया वो बक्का (मक्का) में है जो बा-बरकत है और सारे आलम के लिये हिदायत है।’’ वो पहला मकान जो लोगों [...]
  • अली (अ.स)

    अमीरुल मोमेनीन सिर्फ अली इब्ने अबी तालिब (अलैहिस्सलाम) हैं

    पढ़ने का समय: 2 मिनटकिसी भी शख़्स को दिया गया लक़ब उसकी सिफ़त या उसके मनसूब की तरफ़ इशारा करता है। बाज़ औक़ात कुछ लोग अपने नाम से ज़्यादा अपने लक़ब से जाने पहचाने जाते [...]
  • अन्य लोग

    इसलाम का हक़ीक़ी चेहरा किसने बिगाड़ा?

    पढ़ने का समय: 4 मिनटअल्लाह ने इंसान की हिदायत के लिए मुसलसल अन्बिया और मुरसलीन भेजे, ताकि वह बनी आदम को इंसानियत का दर्स दें, और उनका किरदार इस बुलन्दी पर ले जायें कि फ़रिश्ते [...]
  • अहलेबैत (अ.स.)

    तारीख़ निगारी में ख़यानत (पहली क़िस्त)

    पढ़ने का समय: 4 मिनटकुछ दिनों क़ब्ल एक मक़ाला नज़रों से गुज़रा कि इसके लिखने वाले ने अइम्माए मासूमीन (अ.स.) की बाज़ रिवायात व फ़रमाइशात को उन्वान बनाया और तारीख़ के बाज़ वाक़ेआत से कजफ़हमी [...]
बहस-मुबाहिसा