जब माँगने वाले ने अपने लिए अ़ज़ाब माँगा
पढ़ने का समय: 5 मिनट जब माँगने वाले ने अपने लिए अ़ज़ाब माँगा “एक सवाली ने उस अ़ज़ाब का सवाल किया जो काफ़िरों पर वाक़ेअ़् होने वाला है।” येह “आयते सअल साएलुन या आयते अ़ज़ाबे वाक़ेअ़्”, सूरह मआ़रिज की आयत […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट जब माँगने वाले ने अपने लिए अ़ज़ाब माँगा “एक सवाली ने उस अ़ज़ाब का सवाल किया जो काफ़िरों पर वाक़ेअ़् होने वाला है।” येह “आयते सअल साएलुन या आयते अ़ज़ाबे वाक़ेअ़्”, सूरह मआ़रिज की आयत […]
पढ़ने का समय: 6 मिनट ख़ेलाफ़त ह़ासिल करने के लिए ह़ज़रत ने तलवार क्यों नहीं उठाई? ग़दीरे ख़ुम के मैदान में हज़ारों अस्ह़ाब की मौजूदगी में रसूले ख़ुदा (स.अ़.व.आ.) ने ह़ुक्मे ख़ुदा पर अ़मल करते हुए ह़ज़रत अ़ली (अ़.स.) को […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट रसूले इस्लाम (स.अ़.व.आ.) को किसने ज़हर दिया था फ़रीक़ैन की किताबों में इस बात का ज़िक्र मिलता है कि अल्लाह का रसूल (स.अ़.व.आ.) इस दुनिया से मसमूम रुख़्सत हुआ है। इस बात पर कुतुबे अह़ादीस […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट अह्ले तसन्नुन और ख़ेलाफ़ते राशेदा अह्ले तसन्नुन के यहाँ इस्लामी तारीख़ का पहला दौर यअ़्नी रसूले इस्लाम (स.अ़.व.आ.) के वेसाल के बअ़्द अबू बक्र, उ़मर, उ़स्मान और ह़ज़रत अ़ली (अ़.स.) और इमाम ह़सन (अ़.स.) के […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट क्या तबर्रा करना एक बेफ़ाएदा अ़मल है? कहा जाता है: मुख़ालेफ़ीन से इस तरह़ की बह़्सों पर इतनी तवानाई ख़र्च की गई कि इस का कोई नतीजा नहीं निकला क्योंकि अह्लेबैत (अ़.स.) के दुश्मन अपने […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट क्या येह फ़ज़ीलत है? अह्ले तसन्नुन उ़लमा जब अपने ख़ुलफ़ा की फ़ज़ीलत गिनवाते हैं तो इस बात का ज़िक्र ज़रूर करते हैं कि शेख़ैन को येह शरफ़ ह़ासिल है कि वोह दोनों रसूले इस्लाम के […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट अगर वोह वाक़ेअ़न सिद्दीक़े अकबर थे तो रसूलुल्लाह (स.अ़.व.आ.) उनको अपने हमराह क्यों नहीं ले गए? जब रसूलुल्लाह (स.अ़.व.आ.) ने दीने ख़ुदा की तब्लीग़ का काम बैनुल अक़वामी तौर पर शुरूअ़् किया तो आप (स.अ़.व.आ.) […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट बराअ़ते फ़ातेमी (स.अ़.) अज़ ख़ेलाफ़ते ग़ासेबी आ़लमे इस्लाम में जितने भी फ़िर्क़े हैं उनमें मक़तबे तशय्योअ़् को बहुत से इम्तेयाज़ात ह़ासिल हैं। उनमें एक येह है कि वोह रसूले अकरम (स.अ़.व.आ.) की वसीयत, “ह़दीसे सक़लैन” […]
पढ़ने का समय: 2 मिनट ‘राफ़ेज़ी’ कौन है? अह्ले सुन्नत के पैरोकार बीशतर मुआ़मेलात में शीओ़ं से इख़्तेलाफ़ रखते हैं। इन इख़्तेलाफ़ात की बुनियाद येह है कि शीओ़ं ने रसूलुल्लाह (स.अ़.व.आ.) के बअ़्द ख़ुद उन्हीं के फ़रमान के मुताबिक़ ह़ज़रत […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट मुसलमानों में नासेबीयत को ‘फ़रोग़’ देने वाला कौन है? मुसलमानों के यहाँ इब्तेदा से दो ऐसे लफ़्ज़ों का चलन है, जो वोह अपने मुख़ालिफ़ के लिए बतौरे गाली इस्तेअ़्माल करते हैं। एक ‘राफ़ेज़ी’ और दूसरा […]
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