अहलबैत

क्या अहलेबैते नबी स.अ. को अलैहिमुस्सलाम कहा जा सकता है?

पढ़ने का समय: 5 मिनटक्या अहलेबैते नबी स.अ. को “अलैहिमुस्सलाम”  कहा जा सकता है? येह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब देना किसी भी मुसलमान के लिए मुश्किल नहीं है। मगर ख़ुदा बुरा करे नासबियत का जिसने मुसलमानों में […]

अली (अ.स)

आयते मुबाहिला में हज़रत अली अलैहिस्सलाम की सबसे अज़ीम फ़ज़ीलत

पढ़ने का समय: 2 मिनटआयते मुबाहिला में हज़रत अली अलैहिस्सलाम की सबसे अज़ीम फ़ज़ीलत एक दिन बनी अब्बास के बादशाह ने इमाम अली रज़ा (अ.स.) से सवाल किया आप के नज़दीक अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) की अज़ीम-तरीन फ़ज़ीलत […]

अली (अ.स)

एहतेमामे ग़दीर-पार्ट-१

पढ़ने का समय: 6 मिनटएहतेमामे ग़दीर -पार्ट-१  किसी शै (चीज़) की ख़ुसूसीयत या अहमियत क्या सिर्फ़ माद्दीयत ही पर मुनहसिर हो सकती है? किसी वाक़ए का तारीख़़ी होना क्या यह उस की कम अहमियत की दलील हो सकती है? […]

अहलबैत

शहादते अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) की ख़बर और रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) का गिरिया

पढ़ने का समय: 3 मिनटअमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) का रोज़े शहादत आलमें इस्लाम के लिए सबसे ज़्यादा मुसीबत वाला रोज़ रहा है। यह वह सानेहा था जिसने इस्लाम में कभी पुर न होने वाला ख़ला पैदा किया है। यब वह […]

अहलबैत

शहादते अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) और उसका हक़ीक़ी पसमंज़र

पढ़ने का समय: 5 मिनट19 रमज़ानुल मुबारक सन 40 हिजरी को सुबह की नमाज़ के वक्त एक ऐसा दिल दोज़ (दिल हिलाने वाला) वाक़िया ज़ाहिर हुआ जिसे मुसलमानों की तारीख़ आज तक नहीं भुला पाई। मस्जिदे कुफ़ा के मेहराबे […]

अहलबैत

जो चुप रहेगी ज़बाने खंजर लहू पुकारेगा आसतीं का

पढ़ने का समय: 4 मिनटदूसरी क़ौमों और मिल्लतों की तरह तारीख़े इसलाम भी इक्तेदार पसन्द लोगों के जराएम से भरी पड़ी है। इस किताब के सफ़्हात भी ज़ुल्मों इस्तिबदाद की सिहाई (रोशनाई) से रंगीन किए गए हैं। मुसलमानों में […]