इमाम बाकि़र (अ.स.) का एक ख़वारिज से मुनाज़ेरा
पढ़ने का समय: 3 मिनटजब अवाम ने बग़ावत करके तीसरे ख़लीफा़ उस्मान बिन अफ़फा़न को क़त्ल कर दिया तो खि़लाफ़त की गददी यकबारगी खाली हो गई। लोग हुजूम दर हुजूम मौलाए कायनात अली इब्ने अबि तालिब (अ.स.) के पास […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटजब अवाम ने बग़ावत करके तीसरे ख़लीफा़ उस्मान बिन अफ़फा़न को क़त्ल कर दिया तो खि़लाफ़त की गददी यकबारगी खाली हो गई। लोग हुजूम दर हुजूम मौलाए कायनात अली इब्ने अबि तालिब (अ.स.) के पास […]
पढ़ने का समय: 5 मिनटइमाम रज़ा (अ.स.) की शहादत के बाद शियों की इमामत की ज़िम्मेदारी उनके फ़रज़न्दे अरजुमन्द हज़रत मोहम्मद तक़ी अल-जवाद (अ.स.) के सिपुर्द हुई। उस वक़्त आपकी कमसिनी का दौर था मगर आप (अ.स.) के कमालात […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटजब अवाम ने बग़ावत करके तीसरे ख़लीफा़ उस्मान बिन अफ़फा़न को क़त्ल कर दिया तो खि़लाफ़त की गददी यकबारगी खाली हो गई। लोग हुजूम दर हुजूम मौलाए कायनात अली इब्ने अबि तालिब (अ.स.) के पास […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटमुसलमानों की तारीख़ में जब कभी भी बेवफ़ाई और अहद शिक्नी की मिसाल देनी होती है तो लोग सिर्फ़ अहले कूफा़ की मिसाल देते हैं। इसका सबब कर्बला का सन 61 हिजरी का वो वाक़ेआ […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटइमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमायाः अए फ़रज़न्दे शबीब! अगर तुम्हें किसी चीज़ पर रोना आए तो फ़रज़न्दे रसूल हुसैन इब्ने अली (अ.स.) पर गिरया करो। इमाम अली बिन मुसा रज़ा (अ.स.) का एक लक़्ब ‘ग़रीबूल […]
पढ़ने का समय: 4 मिनटबहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]
पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूले-खु़दा (स.अ.) की रोज़े वफात यानी दोशम्बाह को सुबह में बाज़ असहाब आप की ख़िदमत में जमा हुए तो आँ-हज़रत (स.अ.) ने उन से फरमाया: ‘क़लम और काग़ज़ ले आओ ताकि ऐसा नविश्ता लिख दूँ […]
पढ़ने का समय: 2 मिनटहज़रते सरवरे कायनात ने हुक्मे ख़ुदा और क़ुरआन की आयत – ‘फ़आते ज़ल क़ुरबा हक़्क़हू’ पर अमल करते हुए बाग़े फ़िदक अपनी नूरे नज़र फ़ातेमा ज़ेहरा (अलैहास्सलाम) को दे दिया था। इस बाग़ की देखरेख […]
पढ़ने का समय: 5 मिनटलुग़्वी मानों में सिद्दीक़ हमेशा सच बोलने वाले को कहा जाता है, यानी जिसके मुँह से सिर्फ़ सच ही निकले और जिसने कभी झूठ न बोला हो। सदाक़त एक अच्छी सिफ़त है। इसलाम और दुनिया […]
पढ़ने का समय: 5 मिनटआग़ाज़े इस्लाम सरज़मीने मक्का से हुआ। मक्का ख़ुदा के नज़दीक एक बहुत ही मोहतरम और मुबारक ज़मीन है। यह वही जगह है जहाँ अव्वले बैत (पेहला घर) खानए काबा है, मक़ामे इब्राहीम और दूसरी अल्लाह […]
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