मान्यताएं

अमीरुल मोमेनीन के क़ातिलो पर ख़ुदा की लानत

पढ़ने का समय: 3 मिनटमाहे रमज़ान को साल के दूसरे महीनों पर जो फज़ीलत हासिल है उनमें से एक यह भी है कि इस महीने में क़ुरान नाज़िल हुआ। जिस शब क़ुरान नाज़िल हुआ है उसे शबे क़द्र कहा […]

बहस-मुबाहिसा

इमामे जाफ़रे सादिक़ (अलैहिस्सलाम) के एक शागिर्द का इमामे अबू हनीफ़ा से मुनाज़ेरा

पढ़ने का समय: 3 मिनटएक दिन इमाम जाफरे सादिक़ (अलैहिस्सलाम) का एक शागिर्द फज़्ज़ाल इब्ने हसन कूफ़ी और उसके एक दोस्त का अबू हनीफ़ा से सामना हुआ कि उस वक़्त अबू हनीफ़ा से इल्मे फ़िक्ह और इल्मे हदीस पढ़ने […]

अहलेबैत (अ.स.)

क्या सिर्फ ‘ अहले कूफा़’ ही बेवफ़ा होते हैं ??

पढ़ने का समय: 3 मिनटमुसलमानों की तारीख़ में जब कभी भी बेवफ़ाई और अहद शिक्नी की मिसाल देनी होती है तो लोग सिर्फ़ अहले कूफा़ की मिसाल देते हैं। इसका सबब कर्बला का सन 61 हिजरी का वो वाक़ेआ […]

अहलेबैत (अ.स.)

इमाम हुसैन (अ.स.) पर गिरया करने की फज़ीलत: इमाम रज़ा (अ.स.) की ज़बानी

पढ़ने का समय: 3 मिनटइमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमायाः अए फ़रज़न्दे शबीब! अगर तुम्हें किसी चीज़ पर रोना आए तो फ़रज़न्दे रसूल हुसैन इब्ने अली (अ.स.) पर गिरया करो। इमाम अली बिन मुसा रज़ा (अ.स.) का एक लक़्ब ‘ग़रीबूल […]

अली (अ.स)

दरबारे ख़िलाफ़त में हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) का शानदार मुकालिमा

पढ़ने का समय: 2 मिनटहज़रते सरवरे कायनात ने हुक्मे ख़ुदा और क़ुरआन की आयत – ‘फ़आते ज़ल क़ुरबा हक़्क़हू’ पर अमल करते हुए बाग़े फ़िदक अपनी नूरे नज़र फ़ातेमा ज़ेहरा (अलैहास्सलाम) को दे दिया था। इस बाग़ की देखरेख […]

मान्यताएं

क़ुरआन में अम्बिया की मीरास

पढ़ने का समय: 3 मिनटइस में कोई अचम्भे की बात नहीं है कि बच्चों को उनके मरहूम माँ बाप की मीरास मिलती है। यह हर समाज, हर ज़माने में और मज़हब में पाया जाने वाला क़ानून है यह उसूल […]

अली (अ.स)

मौलूदे काबा फक़्त अली इब्न अबी तालिब (अ.स.)

पढ़ने का समय: 4 मिनटबिला शुबाह वो पहला मकान जो लोगों के लिये बनाया गया वो बक्का (मक्का) में है जो बा-बरकत है और सारे आलम के लिये हिदायत है।’’ वो पहला मकान जो लोगों के लिये बनाया गया […]

अन्य लोग

फिदक की कहानी आएशा की ज़बानी

पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूल (स.अ.) की रेहलत के बाद जो वाकेआत रूनुमा हुए उनमें से अहम मुकद्दमए फिदक था। बल्कि यह वाकेआ हिदायत हासिल करने और उनके लिए एक मश्अले राह है। इस मुकद्दमे में जो दो अहम […]

अहलेबैत (अ.स.)

बाग़े-फिदक कयों ग़स्ब किया गया?

पढ़ने का समय: 2 मिनटरसूलल्लाह (स.अ.) ने सन 7 हिजरी में बाग़े-फिदक ब- हुक्मे खु़दा अपनी पारए-जिगर, फातिमा ज़हेरा (स.अ.) को हिबा किया और तब से यह बाग खातूने-महेशर की मिलकियत में रहा। जब रसूलल्लाह (स.अ.) की वफात हुई […]