इस्लाम का हक़ीक़ी चेहरा किसने बिगाड़ा?
पढ़ने का समय: 4 मिनटअल्लाह ने इन्सानों की हिदायत के लिये लगातार अंबिया और मुरसलीन भेजे ताकि वो बनी आदम को इंसानियत का दरस दें और उनका किरदार इस बुलंदी पर ले जायें के फरिशते उनकी ख़िदमत करने पर […]
पढ़ने का समय: 4 मिनटअल्लाह ने इन्सानों की हिदायत के लिये लगातार अंबिया और मुरसलीन भेजे ताकि वो बनी आदम को इंसानियत का दरस दें और उनका किरदार इस बुलंदी पर ले जायें के फरिशते उनकी ख़िदमत करने पर […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट“व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटएक मर्तबा हारून रशीद ने अपने एक मुशीर जाफ़र बिन यह्या बरमक्की से कहा कि मैं चाहता हूँ कि छुपकर मुतकल्लेमीन (कलाम करनेवाले) की बात सुनूँ ताकि वह खुलकर अपने दलाएल पेश करें और जैसे […]
पढ़ने का समय: 5 मिनटबात तो बहुत पुरानी है मगर उसके असरात आज तक देखे जा रहे हैं। यह ऐसा जुम्ला है जिसने इस्लाम को फ़िर्कों में बाँट रखा है। सब मुसलमान हैं, सबका ख़ुदा अल्लाह वहदहू ला शरीक […]
पढ़ने का समय: 4 मिनटसन 10 हिजरी के इख्तिताम से ही सरवरे कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा़ (स.अ.) अपनी उम्मत को यह बताते रहे कि अनक़रीब मैं तुम्हारे दरमियान से चला जाने वाला हूँ। मैं अपने रब की दावत को […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटबाज़ आह्ले तसन्नुन लोग इस बात पर ऐतेराज़ करते हैं कि शिया यह दावा करते हैं कि उनके बारहवें इमाम 255 हिजरी से यानी 1000 साल से ज़्यादा मुद्दत से ज़िन्दा हैं और ग़ैबत में […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट“व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू वल मिस्लीनव् वबनस्सबीले वला तुबज़्ज़िर तबज़ीरा” (सूरए इस्रा, आयत 26) आपने क़राबतदारों को उनका हक़ दीजिए और मिस्क़ीन और मुसालफ़िर को भी और इसराफ़ न किजीए। यह बात मुसल्लम है […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटसन 7 हिजरी में जंगे ख़ैबर के बाद यहूदियों ने बाग़े फ़ेदक बग़ैर जंगो जिदाल रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) की ख़िदमत में पेश कर दिया। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटइन्सान जिन लोगों के साथ उठता बैठता है उससे उसकी शख़्सियत का पता चलता है। अच्छे लोग अच्छे लोगों की सोहबत पसन्द करते हैं। जबकि बुरे लोगों को बुरी सोहबत ही पसन्द आती है। इनसान […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटक़ुरआने करीम ने अज़वाजे नबी (स.अ.व.व.) को मोमेनीन की माँ होने का रूतबा और दर्जा दिया है। हक़ीक़ी मानो में इस लक़्ब की सब से ज़्यादा मुस्तहिक़ रसूलुल्लाह (स.अ.व.व.) की पहली ज़ौजा जनाबे ख़दीजातुल कुबरा […]
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