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जनाबे उम्मे ऐमन मुक़द्देमए फ़ेदक की एक अहम गवाह

पढ़ने का समय: 3 मिनटसन 7 हिजरी में जंगे ख़ैबर के बाद यहूदियों ने बाग़े फ़ेदक बग़ैर जंगो जिदाल रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) की ख़िदमत में पेश कर दिया। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) […]

अहलेबैत (अ.स.)

उम्मुलमोमेनीन जनाबे खदीजा (स.अ.) मोमिनो की हक़ीक़ी माँ

पढ़ने का समय: 3 मिनटक़ुरआने करीम ने अज़वाजे नबी (स.अ.व.व.) को मोमेनीन की माँ होने का रूतबा और दर्जा दिया है। हक़ीक़ी मानो में इस लक़्ब की सब से ज़्यादा मुस्तहिक़ रसूलुल्लाह (स.अ.व.व.) की पहली ज़ौजा जनाबे ख़दीजातुल कुबरा […]

अहलेबैत (अ.स.)

उम्मुलमोमेनीन जनाबे खदीजा (स.अ.)

पढ़ने का समय: 3 मिनट“व व जदका आयेलन फ़अग़ना” “हम ने आपको मोहताज पाया तो आप को ग़नी कर दिया।” जनाबे ख़दीजा बिन्त ख़ोवैलिद न सिर्फ़ ये के रसूले ख़ुदा (स.अ.व.व.) की अज़ीज़तरीन ज़ौजा हैं बल्कि सबसे पहले इसलाम […]

मान्यताएं

तौक़ीए इमामे ज़माना (अलैहिस्सलाम) बनाम जनाबे उस्मान बिन सईद अमरी

पढ़ने का समय: 3 मिनटइमामे ज़माना (अलैहिस्सलाम) ने ग़ैबत के दौरान अपने कुछ ख़ास और मोतमिद शियों से तौक़ी के ज़रिए राबता क़ाएम रखा है। और उनके ज़रिए से पैग़ाम को अपने तमाम चाहनेवालों तक पहुँचाते रहे हैं। ज़ैल […]

अहलबैत

जो चुप रहेगी ज़बाने खंजर लहू पुकारेगा आसतीं का

पढ़ने का समय: 4 मिनटदूसरी क़ौमों और मिल्लतों की तरह तारीख़े इसलाम भी इक्तेदार पसन्द लोगों के जराएम से भरी पड़ी है। इस किताब के सफ़्हात भी ज़ुल्मों इस्तिबदाद की सिहाई (रोशनाई) से रंगीन किए गए हैं। मुसलमानों में […]

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जनाबे फ़ातेमा ज़हरा (अलैहास्सलाम) और ताग़ूत का इनकार

पढ़ने का समय: 5 मिनटला इक्राह फ़िद्दीने कद्तबय्यनर्रुश्दो मिनल ग़य्ये फ़मय्यकफ़ुर बित्ताग़ूते व योमिम बिल्लाहे फक़दिस तम्सक बिल उर्वतिल बुस्क़ा लन फ़िसाम लहा वल्लाहो मसीउन अलीम। (सूरए बक़रह, आयत 256) दीन में जब्र नहीं है, यक़ीनन नेकी को गुम्राही […]

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मौला अली (अलैहिस्सलाम) मुक़द्दमए फ़िदक के अहम गवाह

पढ़ने का समय: 3 मिनट“व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]

अली (अ.स)

इमामे अली नक़ी (अलैहिस्सलाम) के कुछ इल्मी कमालात

पढ़ने का समय: 3 मिनटहज़रत इमाम अली इब्ने मोहम्मद तक़ी (अलैहिमस्सलाम) का इस्मे गिरामी अली था और कुन्नियत अबुलहसन सालिस थी। आपके मशहूर अल्क़ाब में नजीब, मुर्तज़ा, आलिम, फ़क़ीह, नासेह, अमीन, तय्यब, नक़ी और हादी वग़ैरह का तज़्किरा किया […]

अहलेबैत (अ.स.)

सवाल: क्या ग़दीर का शुमार इस्लामी ईदों में होता है या यह ईद सिर्फ़ शीओं से मख़्सूस है?

पढ़ने का समय: 2 मिनटजवाब: यह ईद शीओं से मख़्सूस नहीं है, अगरचे शीआ इस ईद से बहोत ज़्यादा लगाओ रखते हैं, बल्कि मुसलमानों के दूसरे फ़िर्क़े भी इस रोज़ को ईद जानते हैं। अबू रैह़ान बैरूनी ने किताब […]

मान्यताएं

मुसलामानों के दरमियान पैग़म्बरे इस्लाम (स.अ.) और अमानियत का एहसास

पढ़ने का समय: 6 मिनटसूरए माएदा आयत नं. 67 का यह हिस्सा निहायत ग़ौर तलब और क़ाबिले फ़िक्र है, इसलिए कि रसूले अकरम (स.अ.) अपनी 23 साला तबलीग़ी ज़िन्दगी में रिसालते इलाहिया के पहूँचाने में सख्त़ तरीन औका़त और […]