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शेख़ मोहम्मद बिन अब्दुल वहाब की दीदा दिलेरी और पैग़म्बरे अकरम (स.अ.) की शान में गुस्ताखी़याँ

पढ़ने का समय: 2 मिनटशेख़ नजदी मुख्त़लिफ़ तरीकों से पैग़म्बरे अकरम (स.अ.) की तनक़ीद किया करता था और उस का यह ख़्याल था कि तौहीद को महफूज़ रखने का यही एक तरीक़ा है। उसकी चन्द गुस्ताखियाँ दर्ज ज़ैल हैं। […]

मान्यताएं

क्या है नमाज़े तरावीह की हक़ीक़त?

पढ़ने का समय: 5 मिनटकोई भी अमल का़बिले क़ुबूल उसी वक़्त होता है जब उसको उसी तरह अमल में लाया जाए, जैसे अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) ने बयान किया है। यही सबब है […]