फ़िदक की कहानी आ़एशा की ज़बानी
पढ़ने का समय: 2 मिनट फ़िदक की कहानी आ़एशा की ज़बानी रसूल (स.अ़.) की रेहलत के बअ़्द जो वाक़आ़त रूनुमा हुए उन में से अहम वाक़आ़ मुक़द्दमए फ़िदक था। बल्कि येह वाक़आ़ हेदायत ह़ासिल करने वालों के लिए एक मश्अ़ले […]
पढ़ने का समय: 2 मिनट फ़िदक की कहानी आ़एशा की ज़बानी रसूल (स.अ़.) की रेहलत के बअ़्द जो वाक़आ़त रूनुमा हुए उन में से अहम वाक़आ़ मुक़द्दमए फ़िदक था। बल्कि येह वाक़आ़ हेदायत ह़ासिल करने वालों के लिए एक मश्अ़ले […]
पढ़ने का समय: 10 मिनट इब्तेदाइया: बिस्मिल्लाहिर्रहमानिरर्हीम ’’उद्ओ़ इला सबीले रब्बे-क बिलह़िक्मते वल मौए़ज़तिल ह-स-न-त व जादिलहुम बिल्लती हिया अह़सन’’ लोगों को अपने रब के रास्ते की तरफ़ हिकमत और उमदा नसीहत के साथ दावत दो और उनसे बेहतरीन अंदाज़ […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट हज़रत फातेमातुज़ ज़हरा (स.अ.) जो कि जन्नत की औरतों की सरदार हैं, बज़ाहिर दुन्यवी चीज़ों में ज़रा सी भी दिलचस्पी नहीं रखती थीं। इस्लामी दुनिया ने बारहा यह माना है कि वह नफ्स़ पर क़ाबू […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट “व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट “व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू वल मिस्लीनव् वबनस्सबीले वला तुबज़्ज़िर तबज़ीरा” (सूरए इस्रा, आयत 26) आपने क़राबतदारों को उनका हक़ दीजिए और मिस्क़ीन और मुसालफ़िर को भी और इसराफ़ न किजीए। यह बात मुसल्लम है […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट सन 7 हिजरी में जंगे ख़ैबर के बाद यहूदियों ने बाग़े फ़ेदक बग़ैर जंगो जिदाल रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) की ख़िदमत में पेश कर दिया। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट दूसरी क़ौमों और मिल्लतों की तरह तारीख़े इसलाम भी इक्तेदार पसन्द लोगों के जराएम से भरी पड़ी है। इस किताब के सफ़्हात भी ज़ुल्मों इस्तिबदाद की सिहाई (रोशनाई) से रंगीन किए गए हैं। मुसलमानों में […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट ला इक्राह फ़िद्दीने कद्तबय्यनर्रुश्दो मिनल ग़य्ये फ़मय्यकफ़ुर बित्ताग़ूते व योमिम बिल्लाहे फक़दिस तम्सक बिल उर्वतिल बुस्क़ा लन फ़िसाम लहा वल्लाहो मसीउन अलीम। (सूरए बक़रह, आयत 256) दीन में जब्र नहीं है, यक़ीनन नेकी को गुम्राही […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट “व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट इन्नल्लज़ीन यूजू़नल्लाहा व रसूलुहू लानल्लाहो फ़िद्दुनिया वल आख़िरते व अअद्द लहुम आज़ाबम् मुहीना (सूरए एहज़ाब, आयत 57) जो लोग अल्लाह और उसके रसूल को अज़ियत देते हैं अल्लाह उनपर दुनिया और आखे़रत में लानत करता […]
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