एहतेमामे ग़दीर-पार्ट-१
पढ़ने का समय: 6 मिनट एहतेमामे ग़दीर -पार्ट-१ किसी शै (चीज़) की ख़ुसूसीयत या अहमियत क्या सिर्फ़ माद्दीयत ही पर मुनहसिर हो सकती है? किसी वाक़ए का तारीख़़ी होना क्या यह उस की कम अहमियत की दलील हो सकती है? […]
पढ़ने का समय: 6 मिनट एहतेमामे ग़दीर -पार्ट-१ किसी शै (चीज़) की ख़ुसूसीयत या अहमियत क्या सिर्फ़ माद्दीयत ही पर मुनहसिर हो सकती है? किसी वाक़ए का तारीख़़ी होना क्या यह उस की कम अहमियत की दलील हो सकती है? […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट कुछ नाम निहाद मुसलमान शियों पर बे-बुनियाद और मज़हका-ख़ेज़ इल्ज़ाम लगाते हैं कि मासूम इमाम ख़ुसूसन अमीरुल-मोमेनीन हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अ.स. के मक़ाम को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं। दूसरे इल्ज़ामात के […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट नहजुल बलाग़ाह की हैरत अंगेज़ खु़सूसियात और इमतियाज़ात में से एक इमेतियाज़ मुख्तलिफ़ और मुतानव्वए पहलुओं के ऐतेबार से अजीबो ग़रीब गहराई व गीराई पर मुश्तमिल होना है। हर पढ़ने वाला पहली फ़ुर्सत में इसे […]
पढ़ने का समय: 6 मिनट ज़मानए क़दीम से ग़दीर कलाम और इस्लामी मोतिका़दात में तारीख़ के अज़ीमतरीन मुबाहिस में से है और यह मसअलऐ इमामतो खि़लाफ़त के हस्सास तरीन मसाइल में से एक है। मुसलमानों के गिरोहों के दरमियान इख़तेलाफ […]
पढ़ने का समय: 7 मिनट नहजुल बलाग़ा के बहुत से खुतबों और मुख़तसर कलेमात में मौत की सख्तियाँ और क़ब्र की तारीकी और मौत के बाद क़यामत की मुश्किलात को ब्यान किया गया है और निजी तौर पर इस तरह […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट “व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट एक मर्तबा हारून रशीद ने अपने एक मुशीर जाफ़र बिन यह्या बरमक्की से कहा कि मैं चाहता हूँ कि छुपकर मुतकल्लेमीन (कलाम करनेवाले) की बात सुनूँ ताकि वह खुलकर अपने दलाएल पेश करें और जैसे […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट बात तो बहुत पुरानी है मगर उसके असरात आज तक देखे जा रहे हैं। यह ऐसा जुम्ला है जिसने इस्लाम को फ़िर्कों में बाँट रखा है। सब मुसलमान हैं, सबका ख़ुदा अल्लाह वहदहू ला शरीक […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) का रोज़े शहादत आलमें इस्लाम के लिए सबसे ज़्यादा मुसीबत वाला रोज़ रहा है। यह वह सानेहा था जिसने इस्लाम में कभी पुर न होने वाला ख़ला पैदा किया है। यब वह […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट 19 रमज़ानुल मुबारक सन 40 हिजरी को सुबह की नमाज़ के वक्त एक ऐसा दिल दोज़ (दिल हिलाने वाला) वाक़िया ज़ाहिर हुआ जिसे मुसलमानों की तारीख़ आज तक नहीं भुला पाई। मस्जिदे कुफ़ा के मेहराबे […]
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