विषय

जनाबे ज़हरा (स.अ.) ने अपने ह़क़्क़े फि़दक का मुतालिबा क्यों किया?

पढ़ने का समय: 4 मिनटहज़रत फातेमातुज़ ज़हरा (स.अ.) जो कि जन्नत की औरतों की सरदार  हैं, बज़ाहिर दुन्यवी चीज़ों में ज़रा सी भी दिलचस्पी नहीं रखती थीं। इस्लामी दुनिया ने बारहा यह माना है कि वह नफ्स़ पर क़ाबू […]

मान्यताएं

इस्लाम का हक़ीक़ी चेहरा किसने बिगाड़ा?

पढ़ने का समय: 4 मिनटअल्लाह ने इन्सानों की हिदायत के लिये लगातार अंबिया और मुरसलीन भेजे ताकि वो बनी आदम को इंसानियत का दरस दें और उनका किरदार इस बुलंदी पर ले जायें के फरिशते उनकी ख़िदमत करने पर […]

मान्यताएं

“हसबुना किताबल्लाह” का ढोंग

पढ़ने का समय: 5 मिनटबात तो बहुत पुरानी है मगर उसके असरात आज तक देखे जा रहे हैं। यह ऐसा जुम्ला है जिसने इस्लाम को फ़िर्कों में बाँट रखा है। सब मुसलमान हैं, सबका ख़ुदा अल्लाह वहदहू ला शरीक […]

अहलेबैत (अ.स.)

रसुलुल्लाह (स.अ.) पर उम्मत का सितम

पढ़ने का समय: 4 मिनटसन 10 हिजरी के इख्तिताम से ही सरवरे कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा़ (स.अ.) अपनी उम्मत को यह बताते रहे कि अनक़रीब मैं तुम्हारे दरमियान से चला जाने वाला हूँ। मैं अपने रब की दावत को […]

अहलबैत

शहादते अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) की ख़बर और रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) का गिरिया

पढ़ने का समय: 3 मिनटअमीरुल मोमेनीन (अलैहिस्सलाम) का रोज़े शहादत आलमें इस्लाम के लिए सबसे ज़्यादा मुसीबत वाला रोज़ रहा है। यह वह सानेहा था जिसने इस्लाम में कभी पुर न होने वाला ख़ला पैदा किया है। यब वह […]

मान्यताएं

क्या ख़ौफ़ज़दा हो जाना बुज़दिली की अलामत है?

पढ़ने का समय: 3 मिनटबाज़ आह्ले तसन्नुन लोग इस बात पर ऐतेराज़ करते हैं कि शिया यह दावा करते हैं कि उनके बारहवें इमाम 255 हिजरी से यानी 1000 साल से ज़्यादा मुद्दत से ज़िन्दा हैं और ग़ैबत में […]

मान्यताएं

क्या है नमाज़े तरावीह की हक़ीक़त?

पढ़ने का समय: 5 मिनटकोई भी अमल का़बिले क़ुबूल उसी वक़्त होता है जब उसको उसी तरह अमल में लाया जाए, जैसे अल्लाह और उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) ने बयान किया है। यही सबब है […]

अहलेबैत (अ.स.)

फ़िदक : एक अजीब मुक़द्देमा

पढ़ने का समय: 3 मिनट“व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू वल मिस्लीनव् वबनस्सबीले वला तुबज़्ज़िर तबज़ीरा” (सूरए इस्रा, आयत 26) आपने क़राबतदारों को उनका हक़ दीजिए और मिस्क़ीन और मुसालफ़िर को भी और इसराफ़ न किजीए। यह बात मुसल्लम है […]

विषय

जनाबे उम्मे ऐमन मुक़द्देमए फ़ेदक की एक अहम गवाह

पढ़ने का समय: 3 मिनटसन 7 हिजरी में जंगे ख़ैबर के बाद यहूदियों ने बाग़े फ़ेदक बग़ैर जंगो जिदाल रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) की ख़िदमत में पेश कर दिया। आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) […]

अहलबैत

जो चुप रहेगी ज़बाने खंजर लहू पुकारेगा आसतीं का

पढ़ने का समय: 4 मिनटदूसरी क़ौमों और मिल्लतों की तरह तारीख़े इसलाम भी इक्तेदार पसन्द लोगों के जराएम से भरी पड़ी है। इस किताब के सफ़्हात भी ज़ुल्मों इस्तिबदाद की सिहाई (रोशनाई) से रंगीन किए गए हैं। मुसलमानों में […]