अहलेबैत (अ.स.)

इमाम हुसैन (अ.स.) पर गिरया करने की फज़ीलत: इमाम रज़ा (अ.स.) की ज़बानी

पढ़ने का समय: 3 मिनट इमाम रज़ा (अ.स.) ने फ़रमायाः अए फ़रज़न्दे शबीब! अगर तुम्हें किसी चीज़ पर रोना आए तो फ़रज़न्दे रसूल हुसैन इब्ने अली (अ.स.) पर गिरया करो। इमाम अली बिन मुसा रज़ा (अ.स.) का एक लक़्ब ‘ग़रीबूल […]

मुहर्रम

ज़ीयारते अरबईन और पियादा रवी: (ज़ीयारते अरबईन और पैदल चलना)

पढ़ने का समय: 4 मिनट अहले इस्लाम में जितना अहले तशय्यों के यहाँ बुर्ज़ुगाने दीन की ज़ियारत का रेवाज है , उतना किसी दुसरे मसलक में नही पाया जाता। अहले तश्य्यो के यहाँ अईम्मा और मासूमीन के मज़ारात न सिर्फ […]

मुहर्रम

रोज़े अरबईन – इमाम हुसैन (अ.स.) का चेहलुम

पढ़ने का समय: 4 मिनट माहे सफर के आग़ाज़ से ही बहोत से अज़ादारे सैय्यदुश शोहदा (अ.स.) रोज़े अरबईन की तैयारी में लग जाते हैं, ख़ुसूसन वह जो करबला के सफ़र का इरादा रखते हैं। वैसे तो सरकारे सैय्यदुश शोहदा […]

मान्यताएं

अहले-सुन्नत की किताबों में रसूलल्लाह की शहादत का बयान

पढ़ने का समय: 4 मिनट बहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]

अली (अ.स)

सिद्दीक़े अक्बर हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अलैहिमस्सलाम) की ज़ात

पढ़ने का समय: 5 मिनट लुग़्वी मानों में सिद्दीक़ हमेशा सच बोलने वाले को कहा जाता है, यानी जिसके मुँह से सिर्फ़ सच ही निकले और जिसने कभी झूठ न बोला हो। सदाक़त एक अच्छी सिफ़त है। इसलाम और दुनिया […]

अहलेबैत (अ.स.)

इत्तेहाद बैनल मुसलेमीन क्योंकर मुम्किन है?

पढ़ने का समय: 5 मिनट माहे रमज़ान के आख़री अशरे के आग़ाज़ में टीवी चैनलों पर मौला अली (अलैहिस्सलाम) की शहादत से मुतल्लिक़ प्रोग्राम नश्र किए जाते हैं। आम तौर पर उन प्रोग्रामों में इसलाम के मुख़्तलिफ़ मकातिबे फ़िक्र और […]

अहलेबैत (अ.स.)

तारीख़ निगारी में ख़यानत (पहली क़िस्त)

पढ़ने का समय: 4 मिनट कुछ दिनों क़ब्ल एक मक़ाला नज़रों से गुज़रा कि इसके लिखने वाले ने अइम्माए मासूमीन (अ.स.) की बाज़ रिवायात व फ़रमाइशात को उन्वान बनाया और तारीख़ के बाज़ वाक़ेआत से कजफ़हमी की बुनियाद पर ग़लत […]

अन्य लोग

इसलाम का हक़ीक़ी चेहरा किसने बिगाड़ा?

पढ़ने का समय: 4 मिनट अल्लाह ने इंसान की हिदायत के लिए मुसलसल अन्बिया और मुरसलीन भेजे, ताकि वह बनी आदम को इंसानियत का दर्स दें, और उनका किरदार इस बुलन्दी पर ले जायें कि फ़रिश्ते उनकी खि़दमत करने में […]

अली (अ.स)

अमीरुल मोमेनीन सिर्फ अली इब्ने अबी तालिब (अलैहिस्सलाम) हैं

पढ़ने का समय: 2 मिनट किसी भी शख़्स को दिया गया लक़ब उसकी सिफ़त या उसके मनसूब की तरफ़ इशारा करता है। बाज़ औक़ात कुछ लोग अपने नाम से ज़्यादा अपने लक़ब से जाने पहचाने जाते है। क्योंकि वह सिफ़त […]

अहलेबैत (अ.स.)

विलायते अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) लाज़मी है।

पढ़ने का समय: 2 मिनट अल्लाह अज़्ज़वजल ने इन्सानों पर जिन चीज़ों को वाजिब किया है उनमें उसकी तौहीद का इक़रार है, उसके नबी (स.अ.) की नबुव्वत का इक़रार और हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ.स.) की विलायत का इक़रार […]