अहलेबैत (अ.स.)

उम्मुलमोमेनीन जनाबे खदीजा (स.अ.)

पढ़ने का समय: 3 मिनट“व व जदका आयेलन फ़अग़ना” “हम ने आपको मोहताज पाया तो आप को ग़नी कर दिया।” जनाबे ख़दीजा बिन्त ख़ोवैलिद न सिर्फ़ ये के रसूले ख़ुदा (स.अ.व.व.) की अज़ीज़तरीन ज़ौजा हैं बल्कि सबसे पहले इसलाम […]

विषय

जनाबे फ़ातेमा ज़हरा (अलैहास्सलाम) और ताग़ूत का इनकार

पढ़ने का समय: 5 मिनटला इक्राह फ़िद्दीने कद्तबय्यनर्रुश्दो मिनल ग़य्ये फ़मय्यकफ़ुर बित्ताग़ूते व योमिम बिल्लाहे फक़दिस तम्सक बिल उर्वतिल बुस्क़ा लन फ़िसाम लहा वल्लाहो मसीउन अलीम। (सूरए बक़रह, आयत 256) दीन में जब्र नहीं है, यक़ीनन नेकी को गुम्राही […]

अहलेबैत (अ.स.)

सक़लैन क्या है?

पढ़ने का समय: 2 मिनटहज़रत रसूले काएनात सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम का इरशादे गिरामी है “मैं तुम्हारे दरमियान दो गिराँ क़द्र चीजें छोड़कर जा रहा हूं। अल्लाह की किताब और मेरी इतरत जो कि मेरे अहले बैत (अलैहिमुस्सलाम) […]

मान्यताएं

मुसलामानों के दरमियान पैग़म्बरे इस्लाम (स.अ.) और अमानियत का एहसास

पढ़ने का समय: 6 मिनटसूरए माएदा आयत नं. 67 का यह हिस्सा निहायत ग़ौर तलब और क़ाबिले फ़िक्र है, इसलिए कि रसूले अकरम (स.अ.) अपनी 23 साला तबलीग़ी ज़िन्दगी में रिसालते इलाहिया के पहूँचाने में सख्त़ तरीन औका़त और […]

अहलेबैत (अ.स.)

उम्मुल मोमेनीन ख़दीजा (स.अ.) से आय़शा का हसद

पढ़ने का समय: 4 मिनटहज़रते ख़दीजा रसूले ख़ुदा (स.अ.) की पहली बीवी होने के साथ साथ इसलाम क़ुबूल करनेवाली पहली खा़तून भी हैं। आँ-हज़रत (स.अ.) कि निगाह में वह एक अज़ीमुश-शान मुक़ाम और बुलन्द मर्तबा रखने वाली खा़तून हैं। […]

अहलेबैत (अ.स.)

उम्मुल मोमेनीन जनाबे खदीजा (स.अ.) मोमीनों की हक़ीक़ी माँ

पढ़ने का समय: 3 मिनटक़ुरआने करीम ने अज़वाजे नबी को मोमेनीन की माँ होने का रुतबा और दर्जा दिया है। ह़क़ीक़ी मानो में इस लक़ब की सब से ज़्यादा मुसतहक़ रसूलुल्लाह (स.अ.) की पहली बीबी जनाबे ख़दीजतुल कुबरा (स.अ.) […]

मान्यताएं

रसूलल्लाह (स.अ.) पर उम्मत का सितम

पढ़ने का समय: 4 मिनटसन दस हिजरी के इख्तेताम से ही सरवरे काएनात हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा (स.अ.) अपनी उम्मत को यह बताते रहे कि अन्क़रीब मैं तुम्हारे दरमियान से चला जाने वाला हूँ। मैं अपने रब की दावत को […]

बहस-मुबाहिसा

इमाम मोहम्मद तक़ी (अ.स.) और शेख़ैन से मुतअल्लिक़ जाली अहादीस से मुक़ाबला

पढ़ने का समय: 5 मिनटइमाम रज़ा (अ.स.) की शहादत के बाद शियों की इमामत की ज़िम्मेदारी उनके फ़रज़न्दे अरजुमन्द हज़रत मोहम्मद तक़ी  अल-जवाद (अ.स.) के सिपुर्द हुई। उस वक़्त आपकी कमसिनी का दौर था मगर आप (अ.स.) के कमालात […]

बहस-मुबाहिसा

इमाम बाकि़र (अ.स.) का एक ख़वारिज से मुनाज़ेरा

पढ़ने का समय: 3 मिनटजब अवाम ने बग़ावत करके तीसरे ख़लीफा़ उस्मान बिन अफ़फा़न को क़त्ल कर दिया तो खि़लाफ़त की गददी यकबारगी खाली हो गई। लोग हुजूम दर हुजूम मौलाए कायनात अली इब्ने अबि तालिब (अ.स.) के पास […]

अहलेबैत (अ.स.)

क्या सिर्फ ‘ अहले कूफा़’ ही बेवफ़ा होते हैं ??

पढ़ने का समय: 3 मिनटमुसलमानों की तारीख़ में जब कभी भी बेवफ़ाई और अहद शिक्नी की मिसाल देनी होती है तो लोग सिर्फ़ अहले कूफा़ की मिसाल देते हैं। इसका सबब कर्बला का सन 61 हिजरी का वो वाक़ेआ […]