अहले-सुन्नत की किताबों में रसूलल्लाह की शहादत का बयान
पढ़ने का समय: 4 मिनट बहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट बहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]
पढ़ने का समय: 2 मिनट रसूले-खु़दा (स.अ.) की रोज़े वफात यानी दोशम्बाह को सुबह में बाज़ असहाब आप की ख़िदमत में जमा हुए तो आँ-हज़रत (स.अ.) ने उन से फरमाया: ‘क़लम और काग़ज़ ले आओ ताकि ऐसा नविश्ता लिख दूँ […]
पढ़ने का समय: 5 मिनट आग़ाज़े इस्लाम सरज़मीने मक्का से हुआ। मक्का ख़ुदा के नज़दीक एक बहुत ही मोहतरम और मुबारक ज़मीन है। यह वही जगह है जहाँ अव्वले बैत (पेहला घर) खानए काबा है, मक़ामे इब्राहीम और दूसरी अल्लाह […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट बाज़ अहले तसन्नुन ओलमा की जानिब से वक़्तन फ़वक़्तन यह बात पेश की जाती रही है कि वह हक़ पर हैं, क्योंकि अक्सरियत उनके साथ है। अपनी बात को सही साबित करने के लिए वह […]
पढ़ने का समय: 2 मिनट इसलाम की तालीमात में एक अहम रुक्न एक दूसरे को सलाम करना है। अहादीसे नबवी (स.अ.) में ‘इफशाउस सलाम’ की बदुत ज़्यादा ताकीद की गई है। क़ुरआने करीम में भी सलाम करने पर बहुत ज़ोर […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट इस में कोई अचम्भे की बात नहीं है कि बच्चों को उनके मरहूम माँ बाप की मीरास मिलती है। यह हर समाज, हर ज़माने में और मज़हब में पाया जाने वाला क़ानून है यह उसूल […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट कुछ दिनों क़ब्ल एक मक़ाला नज़रों से गुज़रा कि इसके लिखने वाले ने अइम्माए मासूमीन (अ.स.) की बाज़ रिवायात व फ़रमाइशात को उन्वान बनाया और तारीख़ के बाज़ वाक़ेआत से कजफ़हमी की बुनियाद पर ग़लत […]
पढ़ने का समय: 4 मिनट बहुत से मुसलमान यह समझते हैं कि आँ-हज़रत की मौत एक बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि हक़ीक़त इसके बर-अकस है इस ग़लत – फहमी के आम होने की वजह शायद मुसलमान ज़ाकेरीन; उलेमा और […]
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