सवाल जवाब

क्या शिया अली इब्ने अबी तालिब अ. स. के मक़ाम को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं?

पढ़ने का समय: 3 मिनटकुछ नाम निहाद मुसलमान शियों पर बे-बुनियाद और मज़हका-ख़ेज़ इल्ज़ाम लगाते हैं कि मासूम इमाम ख़ुसूसन अमीरुल-मोमेनीन हज़रत अली इब्ने अबी तालिब अ.स. के मक़ाम को बढ़ा चढ़ा कर पेश करते हैं। दूसरे इल्ज़ामात के […]

ग़दीर

ग़दीर औऱ तारीख़ की क़दामत दो मुतजा़द मफ़हूम

पढ़ने का समय: 6 मिनटज़मानए क़दीम से ग़दीर कलाम और इस्लामी मोतिका़दात में तारीख़ के अज़ीमतरीन मुबाहिस में से है और यह मसअलऐ इमामतो खि़लाफ़त के हस्सास तरीन मसाइल में से एक है। मुसलमानों के गिरोहों के दरमियान इख़तेलाफ […]

शख्सियतें

हज़रत इमामे मेहदी (अलैहिस्सलाम) और आपके अस्हाब बनने की आर्ज़ू

पढ़ने का समय: 3 मिनटइन्सान जिन लोगों के साथ उठता बैठता है उससे उसकी शख़्सियत का पता चलता है। अच्छे लोग अच्छे लोगों की सोहबत पसन्द करते हैं। जबकि बुरे लोगों को बुरी सोहबत ही पसन्द आती है। इनसान […]

मान्यताएं

तौक़ीए इमामे ज़माना (अलैहिस्सलाम) बनाम जनाबे उस्मान बिन सईद अमरी

पढ़ने का समय: 3 मिनटइमामे ज़माना (अलैहिस्सलाम) ने ग़ैबत के दौरान अपने कुछ ख़ास और मोतमिद शियों से तौक़ी के ज़रिए राबता क़ाएम रखा है। और उनके ज़रिए से पैग़ाम को अपने तमाम चाहनेवालों तक पहुँचाते रहे हैं। ज़ैल […]

अहलेबैत (अ.स.)

सवाल: क्या ग़दीर का शुमार इस्लामी ईदों में होता है या यह ईद सिर्फ़ शीओं से मख़्सूस है?

पढ़ने का समय: 2 मिनटजवाब: यह ईद शीओं से मख़्सूस नहीं है, अगरचे शीआ इस ईद से बहोत ज़्यादा लगाओ रखते हैं, बल्कि मुसलमानों के दूसरे फ़िर्क़े भी इस रोज़ को ईद जानते हैं। अबू रैह़ान बैरूनी ने किताब […]

अहलेबैत (अ.स.)

सक़लैन क्या है?

पढ़ने का समय: 2 मिनटहज़रत रसूले काएनात सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम का इरशादे गिरामी है “मैं तुम्हारे दरमियान दो गिराँ क़द्र चीजें छोड़कर जा रहा हूं। अल्लाह की किताब और मेरी इतरत जो कि मेरे अहले बैत (अलैहिमुस्सलाम) […]

मान्यताएं

मुसलामानों के दरमियान पैग़म्बरे इस्लाम (स.अ.) और अमानियत का एहसास

पढ़ने का समय: 6 मिनटसूरए माएदा आयत नं. 67 का यह हिस्सा निहायत ग़ौर तलब और क़ाबिले फ़िक्र है, इसलिए कि रसूले अकरम (स.अ.) अपनी 23 साला तबलीग़ी ज़िन्दगी में रिसालते इलाहिया के पहूँचाने में सख्त़ तरीन औका़त और […]

मान्यताएं

अमीरुल मोमेनीन के क़ातिलो पर ख़ुदा की लानत

पढ़ने का समय: 3 मिनटमाहे रमज़ान को साल के दूसरे महीनों पर जो फज़ीलत हासिल है उनमें से एक यह भी है कि इस महीने में क़ुरान नाज़िल हुआ। जिस शब क़ुरान नाज़िल हुआ है उसे शबे क़द्र कहा […]

मुहर्रम

माहे मोहर्रम – माहे अज़ा

पढ़ने का समय: 3 मिनटदीगर मज़ाहिब अपने साल का आगाज़ खुशी के साथ मनाते हैं। एक दुसरे को नए साल की मुबारकबाद देते हैं, नये कपड़े वगै़रा पहनते हैं, वगै़रा वगै़रा । मगर मुसलमानों में ये रिवाज नही है […]

मुहर्रम

मजलिसे अज़ा अहलेबैत के घराने की सुन्नत

पढ़ने का समय: 3 मिनटशहादते इमाम हुसैन (अ.स.) एक र्ददनाक वाके़आ है। सन 61 हिजरी में माहे मोहर्रम की दसवीं तारीख़ को फरज़न्दे अली व बूतूल ने अपने खा़नदान बनी हाशिम के 18 जवानो और असहाबे ब वफा के […]