
इमाम मुसा काज़िम (अ.स.) और फिदक के हुदूद
पढ़ने का समय: 2 मिनटबागे़ फिदक के गसब होने का वाक़िया तारीखे़ इस्लाम में एक बहुत बडी हैसियत रखता है। इस वाकिए में रसूल (स.अ.) की बेटी और रसूल (स.अ.) का ख़लीफा़ होने का दावा करने वाले हाकिम का […]
पढ़ने का समय: 2 मिनटबागे़ फिदक के गसब होने का वाक़िया तारीखे़ इस्लाम में एक बहुत बडी हैसियत रखता है। इस वाकिए में रसूल (स.अ.) की बेटी और रसूल (स.अ.) का ख़लीफा़ होने का दावा करने वाले हाकिम का […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट“व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटएक मर्तबा हारून रशीद ने अपने एक मुशीर जाफ़र बिन यह्या बरमक्की से कहा कि मैं चाहता हूँ कि छुपकर मुतकल्लेमीन (कलाम करनेवाले) की बात सुनूँ ताकि वह खुलकर अपने दलाएल पेश करें और जैसे […]
पढ़ने का समय: 4 मिनटसन 10 हिजरी के इख्तिताम से ही सरवरे कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तुफा़ (स.अ.) अपनी उम्मत को यह बताते रहे कि अनक़रीब मैं तुम्हारे दरमियान से चला जाने वाला हूँ। मैं अपने रब की दावत को […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटबाज़ आह्ले तसन्नुन लोग इस बात पर ऐतेराज़ करते हैं कि शिया यह दावा करते हैं कि उनके बारहवें इमाम 255 हिजरी से यानी 1000 साल से ज़्यादा मुद्दत से ज़िन्दा हैं और ग़ैबत में […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट“व आते ज़ल क़ुर्बा हक़्क़हू वल मिस्लीनव् वबनस्सबीले वला तुबज़्ज़िर तबज़ीरा” (सूरए इस्रा, आयत 26) आपने क़राबतदारों को उनका हक़ दीजिए और मिस्क़ीन और मुसालफ़िर को भी और इसराफ़ न किजीए। यह बात मुसल्लम है […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटइन्सान जिन लोगों के साथ उठता बैठता है उससे उसकी शख़्सियत का पता चलता है। अच्छे लोग अच्छे लोगों की सोहबत पसन्द करते हैं। जबकि बुरे लोगों को बुरी सोहबत ही पसन्द आती है। इनसान […]
पढ़ने का समय: 3 मिनटक़ुरआने करीम ने अज़वाजे नबी (स.अ.व.व.) को मोमेनीन की माँ होने का रूतबा और दर्जा दिया है। हक़ीक़ी मानो में इस लक़्ब की सब से ज़्यादा मुस्तहिक़ रसूलुल्लाह (स.अ.व.व.) की पहली ज़ौजा जनाबे ख़दीजातुल कुबरा […]
पढ़ने का समय: 4 मिनटदूसरी क़ौमों और मिल्लतों की तरह तारीख़े इसलाम भी इक्तेदार पसन्द लोगों के जराएम से भरी पड़ी है। इस किताब के सफ़्हात भी ज़ुल्मों इस्तिबदाद की सिहाई (रोशनाई) से रंगीन किए गए हैं। मुसलमानों में […]
पढ़ने का समय: 3 मिनट“व यकूलुल लज़ीन कफ़रू लस्त मुर्सला कु़ल कफ़ा बिल्लाहे शहीदुम बैनी व बैनकुम व मन इन्दहू इल्मुल किताब” (सूरए राद, आयत 43) काफ़िर कहते है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व आलिहि व सल्लम) रसूल नहीं […]
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